सिद्धू-कानू ने फूंका था अंग्रेजों के खिलाफ पहला बिगुल
‘करो या मरो, अंग्रेजो हमारी माटी छोडो!’ - राजेन्द्र
वैसे तो स्वाधीनता संग्राम की पहली लड़ाई 1857 में मानी जाती है मगर इसके पहले ही वर्तमान के झारखंड राज्य के संथाल परगना में ‘संथाल हूल’ या ‘संथाल विद्रोह’ के द्वारा अंग्रेजों को भारी क्षति उठानी पड़ी थी। दो भाइयों सिद्धू-कानू के नेतृत्व में 30 जून 1855 को वर्तमान साहेबगंज जिले के भगनाडीह गांव से प्रारंभ हुए इस विद्रोह के मौके पर सिद्धू ने घोषणा की - ‘करो या मरो’, ‘अंग्रेजो हमारी माटी छोड़ो’।