सोमवार, 24 अप्रैल 2023

 संघ-भाजपा से जुड़े लोगों को फर्जी तरीके से दी नौकरी

मध्यप्रदेश में राज्य के जिला और ब्लॉक समन्वयक के 89 उम्मीदवारों के लिए 10,000 आवेदकों में से 890 को सूचीबद्ध किया गया। 4 फरवरी 2022 को यह सूची जारी की गयी। सूचीबद्ध आवेदक कौशिक उइके ने बताया 8 फरवरी को फोन पर राज्य उद्यम विकास केन्द्र के जरिये फोन पर इंटरव्यू रद्द करने की सूचना दी गयी। कौशिक ने विगत एक साल से लगातार फोन, ई-मेल कर उद्यम विकास केन्द्र में इंटरव्यू के बारे में पूछा तो उन्हें जल्द ही इंटरव्यू होने का आश्वासन मिलता रहा। मार्च 2023 में कौशिक को पता चला कि 89 लोगों को पहले ही काम पर रखा जा चुका है।

जब उन्होंने इन भर्तियों की जानकारी ली तो उन्हें पता चला कि नए भर्ती किए गए लोगों को मेरिट लिस्ट में शामिल ही नहीं किया गया था। जब न्यूजलॉन्ड्री के पत्रकारों ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि काम पर रखे गये 88 व्यक्तियों का सम्बन्ध राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से है। इनको नौकरी देने के लिए चयन की तय प्रक्रिया की अनदेखी कर सैकड़ों उम्मीदवारों को धोखा दिया गया। 13 से 15 फरवरी तक भोपाल में तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम में भर्ती किए गए लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके कार्यालय में अधिकारी लक्ष्मण सिंह मरकाम शामिल थे। 

नौकरी घोटालों में सिरमौर मध्यप्रदेश में ही ‘व्यापम घोटाले’ जैसा घोटाला हुआ। उसके बाद भी समय-समय पर भर्ती घोटालों की बात सामने आती रही है। अब तो सरकारी मशीनरी का उपयोग कर, सारी प्रक्रिया को धता बताते हुए, संघ-भाजपा से जुड़े लोगों की ही नियुक्ति कर दी गयी। यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के भाई-भतीजावाद के हो-हल्ले की असलियत को भी बयां करता है। भ्रष्टाचार के नए-नए मॉडल बनाती मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को छात्रों का जुझारू संघर्ष ही किसी हद तक रोक सकता है। (साभारः न्यूजलॉन्ड्री हिन्दी)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें