सोमवार, 24 अप्रैल 2023

 उत्तर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद

उत्तर प्रदेश के प्राइमरी और जूनियर में शिक्षकों के 51,442 पद खाली पड़े हैं और माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रवक्ता तथा सहायक अध्यापक और संस्था प्रधान के मिलाकर 33,000 पद खाली हैं।विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए कोई योजना विचाराधीन नहीं है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 5000 से 7000 तक सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल या तो बंद हो चुके हैं या केवल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई अधिनियम) के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में 30ः1 और अपर प्राइमरी स्कूलों में 35ः1 का छात्र-शिक्षक अनुपात होना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक 1.92 करोड़ छात्र नामांकित हैं। 

इसके अनुसार शिक्षकों के एक लाख से ज्यादा पड़ खाली होने चाहिए, लेकिन सरकार न केवल 51,442 पदों को ही खाली माना है। इसके अलावा सरकार शिक्षा मित्र और अनुदेशकों को शिक्षक नहीं मानती है, लेकिन जब शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के मानदंडों के अनुसार उपलब्ध शिक्षकों का आंकड़ा दिखाने की बात आती है तो सरकार उनको भी शिक्षकों में गिनती है। आरटीई 2009 के मानदंड के मुताबिक स्कूलों में शिक्षकों के 10 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त नहीं होने चाहिए लेकिन 2018 के बाद से उत्तर प्रदेश में बेसिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती नहीं होने के कारण वर्तमान में कई जिलों में 25 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं। 

विधानसभा में प्रश्न के दिए गए जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के 5,80,084 पद सृजित हैं जबकि कार्यरत नियमित अध्यापकों की संख्या 4,53,594 है। इससे साफ जाहिर है कि नियमित शिक्षकों के 1,26,490 पद खाली हैं। लेकिन आरटीई के मानदंडों के लिए सरकार शिक्षा मित्र और अनुदेशकों को जोड़कर रिक्त पदों की संख्या को घटा देती है। इस तरह से सरकार घालमेल कर शिक्षकों की भर्ती करने में टालमटोल करती है। नतीजतन शिक्षकों के लाखों पद रिक्त होने के बावजूद शिक्षक भर्ती परीक्षा की बाट जोह रहे बेरोजगार एक अदद नौकरी के लिए भटकते रहते हैं। इन तथ्यों की रोशनी में शिक्षक भर्ती के लिए बेरोजगारों का संघर्ष सोलह आने सही है। सभी छात्रों नौजवानों को इनकी मांगों का समर्थन करना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें