रविवार, 1 दिसंबर 2019

साहसी चेल्सिया मैनिंग 


8 मार्च को जब दुनिया भर में प्रचार माध्यम महिलाओं के सशक्तिकरण और महिलाओं की आजादी के संबंध में तमाम पूंजीवादी सरकारों के लंबे-चौड़े दावों का बखान कर रहे थे, उसी समय अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश एक महिला चेल्सिया मैनिंग को अनिश्चित काल के लिए जेल की सलाखों के पीछे धकेलने का फरमान सुना रहे थे। 


चेल्सिया मैनिंग को यह सजा इराक-अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध अपराधों का पर्दाफाश करने वाले विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के खिलाफ झूठी गवाही देने से इंकार करने के प्रतिशोध में सुनाई गयी। 

चेल्सिया एलिजाबेथ मैनिंग जो कि 2009 में इराक में तैनाती के दौरान अमेरिकी सेना की एक यूनिट में रक्षा विश्लेषक के रूप में काम कर चुकी हैं, एक एक्टिविस्ट और ह्विसल ब्लोअर हैं। चेल्सिया मैनिंग पर 2010 में इराक व अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध अपराधों का पर्दाफाश करने वाली जानकारियां विकीलीक्स को उपलब्ध कराने का आरोप है। उनके ऊपर इराक-अफगानिस्तान में अमेरिकी आक्रामक सैन्य कार्यवाहियां से संबंधित लगभग 75000 खुफिया(क्लासीफाइड) व गैर वर्गीकृत दस्तावेज फोटो कापी करके विकीलीक्स को उपलब्ध कराने का आरोप है। इस आरोप के तहत उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया गया। 2013 में एक सैन्य अदालत (कोर्ट मार्शल) द्वारा उन्हें खुफिया कानून का उल्लंघन करने के आरोप में 35 वर्ष की सजा सुनाई गई। 2010 से 2017 के बीच मैनिंग जेल में रहीं। 17 जनवरी 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनकी सजा को कम करके गिरफ्तारी के बाद से सात साल तक सीमित कर दिया। इस तरह 27 मई 2017 को चेल्सिया रिहा कर दी गयीं। लेकिन एक बार फिर उन्हें सरकारी गवाह बनने से इंकार करने पर अनिश्चित काल के लिए कारावास की सजा सुनाई गयी है। 

8 मार्च को चेल्सिया को विकीलीक्स और इसके संस्थापक जूलियन असांजे के खिलाफ जांच के लिए गठित ग्रांड जूरी के सामने पेश किया गया। जूरी को उम्मीद थी कि 6 साल के एकांत कारावास, शारीरिक-मानसिक यंत्रणा और गाली-गलौच से चेल्सिया भीतर से टूट चुकी होंगी और उनके मनमुताबिक बयान देने को मजबूर होंगी। ट्रंप प्रशासन द्वारा गठित इस जूरी को उम्मीद थी कि चेल्सिया द्वारा उनके मनमुताबिक बयान देने से विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को फर्जी मुकदमें में फंसाने के उनके इरादे कामयाब हो जायेंगे। लेकिन उनका अनुमान काफी गलत निकला। 

ग्रांड जूरी के सामने पेश होते हुए चेल्सिया मैनिंग एक बार फिर जनवादी सिद्धांतों पर दृढ़तापूर्वक खड़ी रही और विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को झूठे मामलों में फंसाने के ट्रंप प्रशासन के छल-प्रपंच की कार्यवाही में सहयोग करने से इंकार कर दिया। ग्रांड जूरी के किसी भी सवाल का जवाब देने से उसने इंकार कर दिया। दृढ़तापूर्वक चेल्सिया ने कहा कि इस संबंध में सारे सवालों के जवाब वह 7 साल पूर्व दे चुकी हैं।  उसके जवाब से तिलमिलाकर ग्रांड जूरी ने प्रतिशोध की भावना से उसे फिर अनिश्चित काल के लिए कारावास की सजा सुना दी। 

चेल्सिया मैनिंग एक ट्रांसजेंडर हैं। उन्होंने 2013 में एक बयान जारी कर कहा कि वे बचपन से ट्रांसवुमन की पहचान के रूप में रही हैं और अब वे अपनी शारीरिक पहचान बदलना चाहती हैं और चेल्सिया एजिलाबेथ मैनिंग की जगह सिर्फ चेल्सिया मैनिंग के रूप में पहचाना जाना चाहती हैं और इसके लिए वे ‘सैक्स रिएसायमेंट सर्जरी’ करवाने की इच्छुक हैं। रिहा होने के बाद उन्होंने अपनी ‘सेक्स रिएसायमेंट सर्जरी’ करवाई।

ग्रांड जूरी के समक्ष उनके वकील ने उनके ‘सेक्स रिएसायमेंट सर्जरी’ के चलते, उन्हें अत्यधिक मेडिकल केयर की जरूरत को प्रस्तुत करते हुए चेल्सिया को सजा के बतौर उनके घर में ही कैद रखने के लिए ग्रांड जूरी के सामने निवेदन किया। लेकिन बदले की भावना से प्रेरित ग्रांड जूरी ने उनकी स्वास्थ्य जरूरतों को भी दरकिनार कर दिया। 

दरअसल चेल्सिया मैनिंग को यह सजा अमेरिकी कानून के किसी प्रावधान के तहत नहीं दी गयी है। अमेरिकी युद्ध अपराधों से जुड़े खुफिया दस्तावेजों की छायाप्रति विकीलीक्स को उपलब्ध कराने के आरोप में वह सेना द्वारा कोर्ट मार्शल की गयी और पूर्व राष्ट्रपति ओबामा द्वारा संशोधित 7 वर्ष की सजा तो वह पहले ही काट चुकी हैं। यह सजा तो उन्हें जूरी ने अमेरिकी युद्ध अपराधों को विकीलीक्स के माध्यम से दुनिया के सामने लाने वाले जूलियन असांजे के खिलाफ सरकारी गवाह बनने, जूलियन असांजे के खिलाफ झूठी गवाही देने से इंकार करने के प्रतिशोध स्वरूप सुनाई गयी है।

अमेरिका पूरी दुनिया में अपने साम्राज्यवादी हितों के लिए किस कदर युद्ध, तबाही, तख्ता पलट व सुनियोजित नरसंहारों को अंजाम देता है, यह किसी से छिपा नहीं है। 

वियतनाम युद्ध से लेकर इराक-अफगानिस्तान और आजकल सीरिया में अमेरिकी साम्राज्यवादी शासकों ने मानवता को अकथनीय कष्ट और दुःख दिये हैं। अमेरिकी साम्राज्यवाद खुद को दुनिया में शांति, जनवाद व मानवाअधिकारों के स्वयंभू रखवाले के रूप में पेश करता है। दुनिया भर में अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने ‘शांति’, ‘जनवाद’ व ‘मानवाधिकारों की रक्षा’ के नाम पर हस्तक्षेप, आक्रमण, कब्जे व तख्ता पलट की जिन कार्यवाहियों को अंजाम दिया उसकी एक लंबी फेहरिस्त है। 

अमेरिका ने ‘आंतकवाद के खिलाफ वैश्विक जंग’ के नाम पर इराक और अफगानिस्तान में जो नृशंस युद्ध अपराध किये, निर्दोष नागरिकों यहां तक कि पत्रकारों तक की हत्याएं की, अस्पतालों-स्कूलों पर बम बरसाये, मैदान में खेलते बच्चों व खेत में काम करते महिलाओं-पुरुषों को हवाई जहाजों से टारगेट कर भून दिया, वह इंसानियत के इतिहास के सबसे क्रूरतम व सबसे घृणित कारनामों में शामिल हैं। ऐसे अकल्पनीय, घृणित व क्रूर अभियानों के चलते मारे गये निर्दोषों की भारी संख्या को बाद में अमेरिकी सरकार ने युद्ध के ‘सहवर्ती नुकसान’ (कोलैटरल डैमेज) के नाम से जायज ठहराया था। 

इराक व अफगानिस्तान में अमेरिकी आक्रमणकारी युद्ध के दौरान अमेरिकी साम्राज्यवादियों के ऐसे ही युद्ध अपराधों को विश्व के सामने लाने का काम किया था विकीलीक्स और उसके संस्थापक जूलियन असांजे ने। और इसमें उनकी मदद की थी अमेरिकी सैन्य खुफिया विभाग में कारपोरल पद पर कार्यरत चेल्सिया मैनिंग ने। 2009 में चेल्सिया मैनिंग इराक में तैनात थीं। 

विकीलीक्स ने इन दस्तावेजां को दुनिया के सामने लाते हुए अमेरिकी साम्राज्यवादियों के गढे़ गये ‘कोलैटरल डैमेज’ (सहवर्ती नुकसान) की जगह इन्हें ‘कोलैटरल मर्डर’(सहवर्ती कत्ल) के नाम से प्रकाशित किया। 

विकीलीक्स द्वारा जारी किये चित्रों, दस्तावेजों व वीडियों में सबसे चर्चित 12 जुलाई 2007 को ‘बगदाद एयर स्ट्राइक’ के नाम से जारी की गयी 18 मिनट की वीडियो फुटेज है। इस वीडियो फुटेज में दो अमेरिकी अपाची हैलिकाप्टरों (यू.एस ए.एच-64) द्वारा हवा से जमीन पर गोलीबारी, मिसाइल हमले के दृश्य हैं। ये हमले इराक पर अमेरिकी हमले के बाद के हैं। बगदाद के अल अमीन, अल थानिया व न्यू बगदाद में हमले के इन दृश्यों में अमेरिकी अपाची हैलिकाप्टर में सवार सैनिकों को अलग-अलग जगह आम नागरिकों पर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी करने, उनके भागकर किसी भवन में शरण लेने पर बिल्डिंग को ही मिसाइल हमलों से ध्वस्त करने तथा लोगों के मरने या घायल होने पर हमलावरों को अट्टाहास करते हुए दिखाया गया है। 12 जुलाई, 2007 की इस नृशंस कार्यवाही में समाचार एजेंसी रायटर से जुड़े दो पत्रकार भी मारे गये थे। इस वीडियो फुटेज की सत्यता को गुमनाम रहने की शर्त पर एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने स्वीकारा था। जाहिर है कि इराक-अफगानिस्तान में अमेरिकी घृणित व क्रूर हमलों के जिंदा दस्तावेज सामने आने से अमेरिका सहित पूरी दुनिया में अमेरिकी साम्राज्यवादियों के खिलाफ नफरत व आक्रोश तीखे रूप में प्रकट हुआ। ‘‘शांति जनवाद’’ का उसका मुखौटा उतर गया और ‘आतंक के खिलाफ’ उसके वैश्विक अभियान का सच दुनिया के सामने नंगे रूप में प्रकट हो गया। 

ऐसे में अमेरिकी साम्राज्यवादियों की गति ‘सांप-छछूंदर’ की हो गई थी। एक तरफ ये विकीलीक्स द्वारा उद्घाटित तथ्यों की सत्यता को स्वीकारने को तैयार नहीं थे तो दूसरी ओर विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के पीछे हाथ धोकर पड़ गये। विकीलीक्स को दस्तावेजों को लीक होने की खोजबीन करते हुए वे चेल्सिया मैनिंग तक पहुंच गये। चेल्सिया मैनिंग ने कई दस्तावेजों की छाया प्रति विकीलीक्स के एक मध्यस्थ को उपलब्ध कराने की बात स्वीकारी पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा उपलब्ध कराये दस्तावेज क्लासीफाइड (सरकारी खुफिया) दस्तावेज नहीं थे। वे गैर क्लासीफाइड थे। 

चेल्सिया मैनिंग से निपटने के बाद अमेरिकी सरकार विकीलीक्स और उसके संस्थापक जूलियन असांजे से भी निपटना चाहती थी। लेकिन चेल्सिया मैनिंग  तमाम दबाव, उत्पीड़न और धमकियों के बावजूद जूलियन असांजे के खिलाफ दस्तावेज  चुराने की झूठी गवाही देने को तैयार नहीं हुईं। अतः तत्कालिक तौर पर अमेरिकी सरकार जूलियन असांजे को फंसाने व उन्हें ‘सबक सिखाने’ में असफल रही। 

जूलियन असांजे एक आस्ट्रेलियन कम्प्यूटर प्रोग्रामर हैं। उन्होंने 2006 में विकीलीक्स की स्थापना की। लेकिन विकीलीक्स व जूलियन असांजे तब अंतराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आये जब उन्होंने ‘कोलैटरल मर्डर’ सहित अमेरिकी युद्ध अपराधों के दस्तावेज व साक्ष्य दुनिया के सामने प्रस्तुत कर दिये। इन्हें ‘अफगानिस्तान वार लॉग’ व इराक वार लॉग व केवलगेट के नाम से जाना गया। 

अमेरिकी सरकार ने विकीलीक्स के खिलाफ एक अपराधिक जांच की मुहिम शुरू की तथा अपने सहयोगी देशों से इसमें मदद करने को कहा। नवंबर 2010 को स्वीडन ने जूलियन असांजे के खिलाफ एक अंतर्राष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया। वहां उन पर ‘यौन हमले’ व ‘बलात्कार’ के कथित आरोपों के संबंध में पूछताछ की गयी। उन्होंने आरोपों को अस्वीकार करते हुए 7 दिसंबर को ब्रिटिश पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें 10 दिन की जमानत दी गयी। लेकिन असांजे को अमेरिकी सरकार व ब्रिटिश सरकार के गठजोड़ द्वारा उनसे बदले की कार्यवाही का अंदेशा था। इसलिए वह जमानत तोड़कर गायब हो गये। उसके बाद उन्होंने अगस्त 2012 में लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में शरण ले रखी थी। तब से अमेरिका उन्हें लगातार अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहा था। अमेरिकी सरकार ने पिछले समयों में इक्वेडोर को 1 अरब डालर की सहायता दी बदले में उसने जूलियन असांजे को दूतावास से बाहर निकालने की मांग रखी। बहरहाल अमरीकी दबाव में इक्वेडोर सरकार ने जूलियन असांजे पर दूतावास खाली करने के लिए दबाव बढ़ा दिया था और उनकी सुविधाओं में भारी कटौती कर दी थी। और अंततः इन सारी सांठ-गांठ, छल-प्रपंच और सौदेबाजी से जूलियन असांजे को गिरफ्तार कर लिया गया।  

चेल्सिया मैनिंग से झूठी गवाही दिलवाकर असल में अमेरिकी सरकार जूलियन असांजे के लिए फांसी का फंदा तैयार करना चाहती थी लेकिन चेल्सिया मैनिंग ने खुद अपनी आजादी को दांव  पर लगाकर अनिश्चितकाल के कैदी के जीवन को स्वीकार किया और मानवता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर किया। जुल्मतों के खिलाफ मानवता के पक्ष में दृढ़ता से खड़े रहने, अमेरिकी साम्राज्यवादियों के मानवता विरोधी चेहरे को बेनकाब करने हेतु चेल्सिया मैनिंग के अदम्य साहस को सलाम करते हुए विश्व जनमत को उनकी रिहाई के लिए आवाज बुलंद करनी होगी। 

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