मंगलवार, 8 नवंबर 2022

 छात्रों के जुझारू संघर्ष से खुला दिल्ली विश्वविद्यालय

मार्च 2020 में देशभर में कोविड लॉकडाउन लगाया गया। देश के सभी शिक्षण संस्थानों को भी बंद कर आनलाइन शिक्षण का रास्ता अपनाया गया। लेकिन जब-जब देश में कोविड के मामले कम हुए तब सरकार ने शिक्षण संस्थानों को खोलकर औपचारिक शिक्षा की तरफ वापस बढ़ने की कोई पहलकदमी नहीं दिखाई। इसी कड़ी में दिल्ली विश्वविद्यालय लगातार 2 साल से ऑनलाइन शिक्षा के सहारे चल रहा था।

छात्र लगातार कैंपस खोलने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे थे। अक्टूबर, 2021 में छात्रों ने 5 दिनों तक भूख हड़ताल की। आश्वासन मिला, लेकिन कैंपस नहीं खोला गया। उसके बाद नवंबर से छात्र अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इसके बाद कोविड के मामले बढ़ने लगे तो छात्रों ने हड़ताल स्थगित कर दी।

4 फरवरी 2022 को क्क्ड। द्वारा स्कूल-कालेज खोले जाने की अनुमति दे दी गयी। लेकिन 5 फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि अभी आनलाइन शिक्षण ही जारी रहेगा। लंबे समय से आनलाइन शिक्षा से पीड़ित छात्रों का इससे आक्रोशित होना स्वाभाविक था। संयुक्त रूप से कुलपति आफिस के घेराव का आह्वान किया गया। छात्रों ने 7 फरवरी को वाइस चांसलर आफिस घेराव का ऐलान किया। भारी पुलिस बल लगाकर छात्रों को रोकने की कोशिश की गयी लेकिन छात्र आफिस के बाहर जम गए। रात 8 बजे वि.वि. परिसर की लाइट बंद कराकर डीयू प्रशासन पुलिस द्वारा छात्रों को गिरफ्तार करवाता है। घेराव स्थल की लाइटें इसलिए बंद कर दी गयी ताकि छात्रों को गिरफ्तार करने का वीडियो न बना सकें। अभी तक जिस कैंपस के गेट छात्रों के लिए नहीं खुले उसके गेट रात को आठ बजे पुलिस के लिए खोल दिये गये। 

छात्र अगले दिन (8 फरवरी) आर्ट्स फैकल्टी के बाहर चक्का जाम का ऐलान करते हैं। दिन भर चक्का जाम रहता है। प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल न होती देख छात्र 9 फरवरी को भी चक्का जाम जारी रखते हैं।

9 फरवरी को आखिरकार डीयू प्रशासन को छात्रों के संघर्ष के आगे झुकना पड़ता है और 17 फरवरी से क्न् खोलने का आधिकारिक आदेश जारी किया जाता है।

2 साल से बंद कैंपस को संघर्ष के बल पर खुलवाना, डीयू के छात्रों की एक बड़ी जीत है। बंद कैंपस की आड़ में सरकार अनौपचारिक शिक्षा को छात्रों पर थोपे रखना चाहती थी। इस पूरे संघर्ष में पछास दिल्ली इकाई के साथियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

पछास छात्रों के संघर्ष को सलाम पेश करता है और शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान करता है।                                                                               -अमन भारतीय, दिल्ली

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